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Wednesday, 7 October 2015
।। ढाई द्वीप के विद्यमान बीस तीर्थंकर ।।
प्रश्न 1 - विदेह क्षेत्र के तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - विदेह क्षेत्रा में बीस तीर्थंकर होते हैं। उनके नाम निम्न प्रकार हैं-
(1) श्री सीमंधर जी
(2) श्री युगमंधर जी
(3) श्री बाहु जी
(4) श्री सुबाहु जी
(5) श्री संजातक जी
(6) श्री स्वयंप्रभ जी
(7) श्री ऋषभभानजी
(8) श्री अनंतवीर्य जी
(9) श्री सूरप्रभ जी
(10) श्री विशाल कीर्ति जी
(11) श्री वज्रधर जी
(12) श्री चन्द्रानन जी
(13) श्री चन्द्रबाहु जी
(14) श्री भुजंगमजी
(15) श्री ईश्वर जी
(16) श्री नेमिप्रभ जी
(17) श्री वीरसेन जी
(18) श्री महाभद्र जी
(19) श्री देवयश जी एव
(20) श्री अजितवीर्य जी।
प्रश्न 2 - इन्हंे विद्यमान बीस तीर्थंकर क्यों कहा जाता है?
उत्तर - इन्हें विद्यमान बीस तीर्थंकर इसीलिए कहा जाता है क्योंकि इन नामों वाले तीर्थंकर बीस ही होते हैं तथा कम से कम बीस हमेशा विद्यमान रहते हैं।
प्रश्न 3 - तो क्या ये तीर्थंकर मोक्ष नहीं जाते हैं?
उत्तर - ये तीर्थंकर मोक्ष तो अवश्य ही जाते हैं किंतु एक तीर्थंकर के मोक्ष जाने के तुरंत बाद उसी नाम के दूसरे तीर्थंकर का उद्भव हो जाता है। इस प्रकार इनका कभी अभाव नहीं होता।
प्रश्न 4 - ये तीर्थंकर कहां होते हैं?
उत्तर - विदेह क्षेत्रों में।
प्रश्न 5 - विदेह क्षेत्र की नाम की सार्थकता क्या है?
उत्तर - विदेह का अर्थ, विगत् देहाः अर्थात निकल गई देह जिसमें से वह विदेह हुआ। विदेह क्षेत्रों में चतुर्थ काल (कर्मभूमि) सदा प्रर्वतमान रहता है। उतएव वहां से मुनष्य कर्मों का नाश करके विदेह अर्थात मोक्ष जाते हैं।
प्रश्न 6 - विदेह क्षेत्र कहां-कहां हैं और कितने हैं उनका वर्गीकरण कैसे किया जाता है?
उत्तर - ढाई द्वीप में पांच मेरू सम्बंधी पांच महाविदेह क्षेत्र कहलाते हैं। विदेह क्षेत्र प्रत्ये कमेरू के पूर्व और पश्चिम होने से दस हो जाते हैं। मेरू पर्वतों के पूर्व और पश्चिम सीता सीतोदा नदियों के बहने से उनके उत्तर-दक्षिण विदेह क्षेत्र होने से 20 विदेह क्षेत्र हो जाते हैं। प्रत्ये कमेरू से सम्बंधित सीता नदी के उत्तर में विदेह क्षेत्रों की आठ कर्म भूमियां हैं तथा दक्षिण में आठ इसी प्रकार सीतोदा नदी के दक्षिण में आठ तथा उत्तर में आठ कर्मभूमियां एक मेरू से सम्बन्धित 8 गुण 4 = 32 कर्म भूमियां इसीलिए पांच मेरू सम्बंधित 32 गुणा 5 = 190 विदेह क्षेत्र की कर्मभूमियां हुईं।
प्रश्न 7 - ढाई द्वीप कौन-कौन से हैं?
उत्तर - पहला जम्बूद्वीप दूसरा घातकी खंड एंव आधा पुष्करवर द्वीप।
प्रश्न 8 - आधा पुष्करवर द्वीप क्यो?
उत्तर - क्येंकि पुष्करवर द्वीप के आधे भाग में मानषोत्तर पर्वत पड़ा हुआ है।
प्रश्न 9 - ढाई द्वीप में मेरू कहां-कहां है?
उत्तर - जम्बूद्वीप के बीचो-बीच सुदर्शन मेरू है। धातकीखंड द्वीप के पूर्व में विजय मेरू तथा पश्चिम में अचल मेरू है। पुष्कर द्वीप के पूर्व में मन्दिर मेरू तथा पश्चिम में विद्युन्माली मेरू है।
प्रश्न 10 - दूसरे द्वीप धातकी द्वीप को धातकी खंड द्वीप क्यों कहा जाता है?
उत्तर - धातकी द्वीप के उत्तर व दक्षिण में दो इष्वाकार पर्वत हैं जौ पूरे धातकी द्वीप को पूर्वी धातकी द्वीप तथा पश्चिमी धातकी द्वीप ऐसे दो भागों में विभाजित कर देते हैं। इसीलिए इसे धातकी खंड द्वीप कहा जाता है।
प्रश्न 11 - ढाई द्वीप में कितने आर्य खंड हैं?
उत्तर - ढाई द्वीप के विदेह क्षेत्रों में 160 तथा पांच भरत, पांच ऐरावत के दस इस प्रकार के कुल 170 आर्य खंड होते हैं।
प्रश्न 12 - ढाई द्वीप में एक समय में एक साथ कितने तीर्थंकर हो सकते हैं?
उत्तर - कुल 170 तीर्थंकर।
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प्रश्न 13 - 170 तीर्थंकर कौन से तीर्थंकर के समय में हुए थे?
उत्तर - भगवान श्री अजितनाथ के समय में।
प्रश्न 14 - ढाई द्वीप में कितने मलेच्छ खंड होते हैं?
उत्तर - 170 गुण 5 = 850 मलेच्छ खंड।
प्रश्न 15 - विदेह क्षेत्रों में कितने मलेच्छ खंड होते हैं?
उत्तर - 160 गुण 5 कुल 800 मलेच्छ खंड।
प्रश्न 16 - जम्बूद्वीप में कितने विद्यमान तीर्थंकर होते हैं? और कौन-कौन से?
उत्तर - (1) श्री सीमंधर जी
(2) श्री युगमंधर जी
(3) री बाहुजी एवं
(4) श्री सुबाहु जी ये चार तीर्थंकर।
प्रश्न 17 - विदेह क्षेत्र में सीमंधर स्वामी कहां होते हैं?
उत्तर - सुदर्शन मेरू पर्वत के पूर्व में सीता नदी बहती है उसके उत्तर तट की ओर चार वक्षार से सम्बंधित आठ विजयार्ध पर्वत हैं उन्हीं आठ पर्वतों के दक्षिण में आठ आर्य खण्ड हैं उन आठ आर्य खंडों में से किसी एक आर्य खं डमें श्री सीमंधर भगवान होते हैं।
प्रश्न 18 - कम से कम एवं अधिक से अधि कितने सीमंधर स्वामी हो सकते हैं?
उत्तर - कम से कम ऐ आर्यखं डमें एक एवं अधिक से अधिक सभी 8 आर्यखंडों में 8 सीमंधर स्वामी हो सकते हैं।
प्रश्न 19 - वर्तमान में सीमंधर स्वामी कहां विराजमान हैं?
उत्तर - वर्तमान में सीमंधर स्वामी पुंडरीकिणीपुरी नगरी में विराजमान हैं।
प्रश्न 20 - सीमांधर स्वामी के शरीर की अवगाहना कितनी है?
उत्तर - पांच सौ धनुष (दो हजार हाथ)।
प्रश्न 21 - श्री सीमंधर स्वामी के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री सीमंधर स्वामी के पिता का नाम श्रेयांस जी हैं।
प्रश्न 22 - श्री सीमंधर स्वामी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री सीमंधर स्वामी की माता का नाम सती है।
प्रश्न 23 - श्री सीमंधर स्वामी की प्रतिमा का चिन्ह क्या है?
उत्तर - बैल है।
प्रश्न 24 - विदेह क्षेत्रों में होने वाले तीर्थंकरों की विशेषता बताइये;
उत्तर - विदेह क्षेत्रों में तीर्थंकरों के दो, तीन एवं पांच कल्याणक भी होते हैं।
प्रश्न 25 - ऐसा क्यांे होता है?
उत्तर - क्योंकि वहां सदा काल चतुर्थ काल रहता है।
प्रश्न 26 - विदेह क्षेत्र में युगमंधर स्वमाी कहा हैं?
उत्तर - जम्बूद्वीप के सुदर्शन मेरू पर्वत के पूर्व में सीता नदी के दक्षिण तरफ आठ क्षेत्रों के आर्यखंडों में से किसी एक आर्यखण्ड में युगमंधर स्वामी होते हैं।
प्रश्न 27 - युगमंधर स्वामी के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री दृणरथ जी।
प्रश्न 28 - श्री युगमंधर स्वामी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - सुतारा देवी।
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प्रश्न 29 - श्री युगमंधर स्वामी की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - श्री युगमंधर स्वामी की प्रतिमा का चिन्ह हाथी है।
प्रश्न 30 - वर्तमान में श्री युगंधर स्वामी का समवसरण किसर नगरी में है?
उत्तर - सुसीमा नगरी में।
प्रश्न 31 - विदेह क्षेत्रों में सुबाहु स्वामी कहां होते हैं?
उत्तर - जम्बूद्वीप के सुदर्शन मेरू के पश्चिम में पश्चिम विदेह है वहां सीतोदा नदी बहती है उसके दक्षिण किनारे पर आठ अर्यखंड हैं वहा के आठ आर्यखंडों में से किसी एक में श्री बाहु स्वामी हैं।
प्रश्न 32 - वर्तमान में श्री बाहुस्वामी कहां पर है?
उत्तर - सुसीमा नगरी में।
प्रश्न 33 - श्री बाहुस्वामी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्ञात नहीं हैैं।
प्रश्न 34 - श्री बाहुस्वामी के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्ञान नहीं है।
प्रश्न 35 - श्री बाहुस्वामी की प्रतिमा का चिन्ह क्या है?
उत्तर - हिरण।
प्रश्न 36 - विदेह क्षेत्र में सुबाहु स्वामी की स्थिति बताइये।
उत्तर - जम्बूद्वीप के सुदर्शन मेरू के पश्चिम विदेह में सीतोदा नदी के उत्तर तट के आठ आर्य खंडों में से किसी एक अर्य खंडमें सुबाहु स्वामी होते हैं।
प्रश्न 37 - वर्तमान के सुबाहु स्वामी कहां हैं?
उत्तर - अयोध्या नगरी में।
प्रश्न 38 - श्री सुबाहु स्वामी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्ञात नहीं है।
प्रश्न 39 - श्री सुबाहु स्वामी के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्ञानती है।
प्रश्न 40 - श्री सुबाहु स्वामी की प्रतिमा का चिन्ह क्या है?
उत्तर - बंदर।
प्रश्न 41 - उन आठ देशों के नाम बातइये जिनमें श्री सीमंधर स्वामी पैदा होते हैं।
उत्तर - (1) कच्छा, (2) सुकच्छा (3) महाकच्छा (4) कच्छाकावती (5) आवर्ता (6) लांगल आवर्ता (7) पुष्कला एवं (8 पुष्कलावती।
प्रश्न 42 - उन आठ देशों के नाम बताइये जिनमें युगमंधर स्वामी जन्म लेते हैं?
उत्तर - (1) वत्सा (2) सुवत्सा (3) महावत्सा (4) वत्सकावती (5) रम्या (6) सुरम्या (7) रमणीया (8) मंगलावती।
प्रश्न 43 - उन आठ देशों के नाम बताइये जिनमें श्री बाहुस्वामी जन्म लेते हैं?
उत्तर - (1) पद्मा (2) सुपद्मा (3) महापद्मा (4) पद्ाकावती (5) शंखा (6) नलिनीदेश (7) कुमुद (8) सरित देश।
प्रश्न 44 - उन आठ देशों के नाम बताइये जिनमें सुबाहु स्वामी जन्म लेते हैं?
उत्तर - (1) वप्रा (2) सुवप्रा (3) महावप्रा (4) वप्रकावती (5) गंधा (6) सुगंधा (7) गंधिला (8) गंधमलिनी।
प्रश्न 45 - धातकी खंड में कितने विद्यमान तीर्थंकर जन्म लेते हैं?
उत्तर - धातकी खंड द्वीप में आठ विद्यमान तीर्थंकर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 46 - धातकी खंड में जन्म लेने वाले आठ विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - (1) श्री संजातक जी (2) श्री स्वयंप्रभ जी (3) श्री ऋषभाननजी (4) श्री अनंतवीर्य जी (5) श्री सूरिप्रभ जी (6) श्री विशाल कीर्ति (7) श्री वज्रधर जी (8) श्री चन्द्रानन जी।
प्रश्न 47 - पूर्वी धातकी खंड में कितने विद्यमान तीर्थंकर जन्म लेते हैं?
उत्तर - चार तीर्थंकर।
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प्रश्न 48 - पूर्वी धातकी खंड में जन्म लेने वाले विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये?
उत्तर - (1) श्री संजातक जी (2) श्री स्वयंप्रभ जी (3) श्री ऋषभाननजी (4) श्री अनंतवीर्य जी
प्रश्न 49 - पश्चिमी धातकी खंडमें जन्म लेने वाले विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - (1) श्री सूरिप्रभ जी (2) श्री विशाल कीर्ति (3) श्री वज्रधर जी (4) श्री चन्द्रानन जी।
प्रश्न 50 - श्री संजातक जी के जन्म लेने वाले क्षेत्र बताइये।
उत्तर - श्री संजातक जी पूर्वी धातकी खंड में विजय मेरू के पूर्व में सीता नदी के उत्तर तटपर जो कच्छा से पुष्कलावती तक आठ देक्ष हैं उनके आर्य खंडों की नगरियों में जन्म लेते हैं।
प्रश्न 51 - वर्तमान में श्री संजातक जी का जन्म स्थान कहां है?
उत्तर - अलकापुरी।
प्रश्न 52 - श्री संजातक जी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - देवसेना।
प्रश्न 53 - श्री संजातक जी के पिता कानाम बताइये।
उत्तर - श्री देवसेन।
प्रश्न 54 - श्री संजातक जी की प्रतिमा का चिन्ह क्या है?
उत्तर - सूर्य
प्रश्न 55 - श्री स्वयंप्रभू जी विदेह क्षेत्र में कहां जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी धातकी खंड के विजय मेरू के पूर्व में सीता नदी के दक्षिण तट पर वत्सा से लेकर मंगलावती तक जो आठ देश हें उनके आठ आर्य खंडों में स्थित अयोध्या जैसी आठ नगरियों में स्वयंप्रभ जी जन्म लेते हैं।
प्रश्न 56 - श्री स्वयंप्रभ जी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - सुमंगला।
प्रश्न 57 - श्री स्वयंप्रभ जी की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - चन्द्रमा।
प्रश्न 58 - श्री स्वयंप्रभ जी वर्तमान में कहां विराजमान हैं?
उत्तर - विजया नगरी में।
प्रश्न 59 - श्री ऋषभानन जी विदेह क्षेत्रों में कहां जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी धातकी खंड में विजय मेरू के पश्चिम में सीतोदा नदी के दक्षिण तट पर पद्मा से सरित देश तक आठ देशों के आर्य खंडों विद्यमान अयोध्या के समान आठ नगरियों में ऋषभानन जी जन्म लेते हैं।
प्रश्न 60 - श्री ऋषभानन जी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - वीरसेना।
प्रश्न 61 - श्री द्धषभानन जी के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री नृपकीर्ति जी।
प्रश्न 62 - श्री ऋषभाननजी की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - सिंह।
प्रश्न 63 - वर्तमान में ऋषभनान जी का जन्म स्थान बताइये।
उत्तर - सुसीमा नगरी।
प्रश्न 64 - श्री अनंतवीर्य जी विदेह क्षेत्रों में कहां जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी धातकी खं डमें विजय मेरू के पश्चिम में सीतोदा नदी के उत्तर तट पर वप्रा से लेकर गंधमालिनी तक आठ देश हें उनके आठ आर्य खंडों में विद्यमान आठ नगरियों में श्री अनंतवीर्य जी जन्म लेते हैं।
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प्रश्न 65 - श्री अनंतवीर्य जी की माता का नाम बताइये।
उत्तर - सुमंगला।
प्रश्न 66 - श्री अनंतवीर्य जी के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री मेघरथ।
प्रश्न 67 - श्री अनंतवीर्य की प्रतिमाका चिन्ह बताइये।
उत्तर - हाथी।
प्रश्न 68 - वर्तमान में अनंतवीर्य जी ने किस नगरी में जन्म लिया है?
उत्तर - अयोध्या नगरी में।
प्रश्न 69 - विदेह क्षेत्रों में श्री सूरिप्रभ जी कहां जन्म लेते हैं?
उत्तर - पश्चिमी घातकी खं डमें अचल मेरू के पूर्व में सीता नदी के उत्तर तट पर कच्छा से लेकर पुष्कलावती तक आठ आर्य खंडों में रहने वाली आठ नगरियों में श्री सूरिप्रभ जन्म लेते हैं।
प्रश्न 70 - श्री सूरिप्रभ तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - माता भद्रा देवी।
प्रश्न 71 - श्री सूरिप्रभ तीर्थंकर के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री नागराज जी।
प्रश्न 72 - श्री सूरिप्रभ तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - सूर्य।
प्रश्न 73 - श्री सूरिप्रभ तीर्थंकर वर्तमान में कौन-सी नगरी में विद्यमान हैं?
उत्तर - विजय नगरी में।
प्रश्न 74 - श्री विशालकीर्ति तीर्थंकर के जन्म स्थान बताइये।
उत्तर - पश्चिमी धातकी खंडमें अचल मेरू के पूर्व में सीता नदी के दक्षिण तट पर वत्सा से लेकर मंगलावती तक आठा देश हैं, उनके आर्य खंडों की नमबरयों में श्री विकशालकीर्ति तीर्थंकर भगवान जन्म लेते हैं।
प्रश्न 75 - श्री विशालकीर्ति तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - माता विजया।
प्रश्न 76 - श्री विशालकीर्ति तीर्थंकर के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री विजय।
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प्रश्न 77 - श्री विशालकीर्ति तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह क्या है?
उत्तर - चन्द्रमा।
प्रश्न 78 - वर्तमान में श्री विशालकीर्ति तीर्थंकर का जन्म स्थान बताइये।
उत्तर - पुंडरीकिणी पुरी नगरी।
प्रश्न 79 - श्री वज्रधर तीर्थंकर के जन्म स्थान बाताइये।
उत्तर - पश्चिम धातकी खं डमें अचलमेरू के पश्चिम में सीतोदानदी के दक्षिण्या तट पर पद्मादेश से लेकर सरित देश तक आठ देशों के आठ आर्यखंडों की आठ नगरियों श्री वज्रधर भगवान जन्म लेते हैं।
प्रश्न 80 - वर्तमान में श्री वज्रधर भगवान का जन्म स्थान कहां है?
उत्तर - सुसीमा नगरी मेें।
प्रश्न 81 - श्री वज्रधर भगवान की माता का नाम बताइये।
उत्तर - सरस्वती।
प्रश्न 82 - श्री वज्रधर भगवान के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री पद्मरथ।
प्रश्न 83 - श्री चन्द्रानन भगवान के जन्म स्थान बताइये।
उत्तर - पश्चिमी धातकीखंड में अचल मेरू के पश्चिम में सीतोदा नदी के उत्तर वट पर वप्रा से लेकर गंधमालिनी तक आठ देशों के आठ आर्यखंडों श्री आठ नगरियों में श्री चन्द्रानन भगवान जन्म लेते हैं।
प्रश्न 84 - श्री चन्द्रानन भगवान की माता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्ञान नहीं है।
प्रश्न 85 - श्री चन्द्रानन भगवान के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्ञान नहीं है।
प्रश्न 86 - श्री चन्द्रानन भगवान का वर्तमान जन्म स्थान बताइये।
उत्तर - पुंडरीकिणीपुरी।
प्रश्न 87 - श्री चन्द्रनन भगवान की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - बैल।
प्रश्न 88 - पुष्करवर द्वीप में जाये जाने वाले विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - पुष्करवर द्वीप में आठ विद्यमान तीर्थंकर रहते हैं-
(1) श्री चन्द्रबाहु जी (2) श्री भुजंगम जी (3) श्री ईश्वर जी (4) श्री नेमीप्रभ जी (5) श्री वीरसेन जी (6) श्री महाभ्रद जी (7) श्री देवयश जी एवं (8) श्री अजितवीर्य जी।
प्रश्न 89 - पूर्वी पुष्करवर द्वीप विदेह क्षेत्रों में कौन-कौन से तीर्थंकर जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी पुष्करवर द्वीप के विदेह क्षेत्रों में चार तीर्थंकर जन्म लेते हैं-
(1) श्री चन्द्रबाहु जी (2) श्री भुजंगम जी (3) श्री ईश्वर जी (4) श्री नेमीप्रभ जी।
प्रश्न 90 - श्री चन्द्रबाहु जी विदेह क्षेत्रों में कहां-कहां जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी पुष्कर द्वीप में मन्दिर मेरू के पूरब में सीतानदी के उत्तर में कच्छा से लेकर पुष्कलावती तक के आठ देशों के आठा आर्यखंडों की नगरियों में श्री चन्द्रबाहु तीर्थंकर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 91 - वर्तमान में श्री चन्द्रबाहु तीर्थंकर कौन-सी नगरी में हैं?
उत्तर - विनीता नाम की नगरी में।
प्रश्न 92 - श्री चन्द्रबाहु तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - रेणुका देवी।
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प्रश्न 93 - श्री चन्द्रबाहु तीर्थंकर के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री देवनंददि जी।
प्रश्न 94 - श्री चन्द्रबाहु तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - कमल।
प्रश्न 95 - श्री भुजंगम तीर्थंकर कौन-कौन से विदेह क्षेत्रों में जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी पुष्कर द्वीप में मंदर मेरू के पूरब में सीता नदी के दक्षिण में वत्सा से लेकर मंगावती तक आठ देशों के आर्य खंडों की नगरियों में श्री भुजंगम तीर्थंकर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 96 - वर्तमान में श्री भुजंम तीर्थंकर कौन-सी नगरी में हैं?
उत्तर - विजय नगरी में।
प्रश्न 97 - श्री भुजंगम तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - जिनमती।
प्रश्न 98 - श्री भुजंगम तीर्थंकर के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री महाबल जी।
प्रश्न 99 - श्री भुजंगम तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - चन्द्रमा।
प्रश्न 100 - श्री ईश्वर तीर्थंकर कौन-कोन से विदेह क्षेत्रों में जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी पुष्कर द्वीप में मंदर मेरू के पश्चिम में सीतोदा नदी के दक्षिण तट पर पद्मा देश से लेकर सरित देश तक आठा देशाों के आर्य खंडों की आत नगरियों में री ईश्वर तीर्थंकर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 101 - वर्तमान में श्री ईश्वर तीर्थंकर कौन-सी नगरी में हैं?
उत्तर - सुसीमा नगरी में।
प्रश्न 102 - श्री ईश्वर तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्वाला देवी।
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प्रश्न 103 - श्री ईश्वर तीर्थंकर के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री गलसेन जी।
प्रश्न 104 - श्री ईश्वर तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - सूर्य।
प्रश्न 105 - श्री नेमिप्रभ तीर्थंकर कौन-कौन से विदेह क्षेत्रों में जन्म लेते हैं?
उत्तर - पूर्वी पुष्कर द्वीप में मंदर मेरू के पश्चिम में सीतोदा नदी के तट के वप्रा से लेकर गंधमालिनी के आठा देशों के आठ आर्य खंडों की आठ नगरियों में श्री नेमिप्रभ तीर्थंकर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 106 - वर्तमान में श्री नेमिप्रभ तीर्थंकर कौन-सी नगरी में हैं?
उत्तर - अयोध्या नगरी में।
प्रश्न 107 - श्री नेमिप्रभ तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - ज्ञान नहीं है।
प्रश्न 108 - श्री नेमिप्रभ तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - बैल।
प्रश्न 109 - पश्चिम पुष्करार्ध द्वीप में चार विद्यमान तीर्थंकर होते हैं।
(1) श्री वीरसेन जी (2) श्री महाभद्र जी (3) श्री देवयश जी (4) श्री अजित वीर्य जी।
प्रश्न 110 - श्री वीरसेन तीर्थंकर किन विदेह क्षेत्रों में जन्म लेते हैं?
उत्तर - पश्चिम पुष्कर द्वीप में विद्युन्माली मेरू के पूर्व में सीता नदी के उत्तर तट पर कच्छा से लेकर पुष्कलावती तक के आठ देशों के आठ आर्यखंडों की आठा नगरियों में श्री वीर सेन तीर्थंकर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 111 - श्री वीर सेन तीर्थंकर का वर्तमान जन्म स्थान कहां है?
उत्तर - पुडरीकिणीपुर नगरी।
प्रश्न 112 - श्री वीरसेन तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - भानुमती जी।
प्रश्न 113 - श्री वीरसेन तीर्थंकर के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री भूपाल जी।
प्रश्न 114 - श्री वीर सेन तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - ऐरावत।
प्रश्न 115 - श्री महाभद्र तीर्थंकर कौन-कौन से विदेहों में जन्म लेते हैं?
उत्तर - पश्चिमी पुष्कर द्वीप में विद्युन्माली मेरू के पूर्व में सीता नदी के दक्षिण तट के वत्सा से लेकर मंगलावती तक के आठा देशों के आठ आर्य खंडों की आठ नगरियों में श्री महाभद्र तीर्थंकर जन्म लेते हैं।
प्रश्न 116 - श्री महाभद्र तीर्थंकर का वर्तमान जन्म स्थान बताइये।
उत्तर - विजयानगरी में।
प्रश्न 117 - श्री महाभ्रद तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - उमा जी।
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प्रश्न 118 - श्री महाभद्र तीर्थंकर के पिता का नमा बताइये।
उत्तर - श्री देवराज जी।
प्रश्न 119 - श्री महाभद्र तीर्थंकर की प्रतिमा का क्या चिन्ह है?
उत्तर - चन्द्रमा।
प्रश्न 120 - श्री देवयश तीर्थंकर कौन-कौन से विदेह क्षेत्रों में जन्म लेते हैं?
उत्तर - पश्चिमी पुष्कर द्वीप में विद्युन्माली मेरू के पश्चिम में सीतोदा नदी के दक्षिणी तट पर पद्मादेश से लेकर सरित देश तक इन आठ देशों के आठा आर्यखंडों की आठ नगरियों में श्री देवयश तीर्थंकर जनम लेते हैं।
प्रश्न 121 - श्री देवयश तीर्थंकर का वर्तमान जन्म स्थान बताइये।
उत्तर - सुसीमा नगरी।
प्रश्न 122 - श्री देवयश तीर्थंकर की माता का नाम बताइये।
उत्तर - गंगादेवी।
प्रश्न 123 - श्री देवयश तीर्थंकर के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री भूपति जी।
प्रश्न 124 - श्री देवयश तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह क्या है?
उत्तर - स्वस्तिक।
प्रश्न 125 - श्री अजितवीर्य तीर्थंकर जी विदेह क्षेत्रों में कहां-कहां जन्म लेते हैं?
उत्तर - पश्चिम पुष्कर द्वीप में विद्युन्माली मेरू के पश्चिम में सीतोदा नदी के उत्तर तट पर वप्रा से लेर गंध मालिनी तक आठ देशों के आठ आर्यखंडों की आठा नगरियों में श्री अजितवीर्य भगवान जन्म लेते हैं।
प्रश्न 126 - श्री अजितवीर्य भगवान की माता का नाम बताइये।
उत्तर - कनकमाला जी।
प्रश्न 127 - श्री अजितवीर्य के पिता का नाम बताइये।
उत्तर - श्री सुबोध जी।
प्रश्न 128 - वर्तमान में श्री अजितवीर्य भगवान कहां जन्मे हैं?
उत्तर - अयोध्या नगरी में।
प्रश्न 129 - श्री अजितवीर्य भगवान की प्रतिमा का चिन्ह बताइये।
उत्तर - कमल।
प्रश्न 130 - मेरू पर्वतों को लेकर बीस विद्यमान तीर्थंकरों का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है?
उत्तर - एक मेरू में सम्बंधित चार विद्यमान तीर्थंकार होते हैं। इसीलिए पांच मेरूओं से सम्बंधित बीस विद्यमान तीर्थंकर हुए।
प्रश्न 131 - प्रथम सुदर्शन मेरू से सम्बंधित चार विद्यमान तीर्थंकर के नाम बातइये।
उत्तर - (1) श्री सीमंधर जी (2) श्री युगमंधर जी (3) श्री बाहु जी (4) श्री सुबाहु जी।
प्रश्न 132 - दूसरे विजय मेरू से सम्बंधित विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - (1) श्री संजातक जी (2) श्री स्वयंप्रभ जी (2) श्री ़षभनन जी (4) श्री अनंतवीर्य जी।
प्रश्न 133 - तीसरे अचलमेरू से सम्बंधित विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - (1) श्री सूरिपूभ जी (2) श्री विशाल कीर्ति जी (3) श्री वज्रधर जी (4) श्री चन्द्रानन जी।
प्रश्न 134 - चैथे मंदर मेरू से सम्बंधित विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - (1) श्री चन्द्रबाहु जी (2) श्री भुजंगमजी (3) श्री ईश्वर जी (4) श्री नेमिप्रभ जी।
प्रश्न 135 - पांचवे विद्युन्माली मेरू से सम्बंधित विद्यमान तीर्थंकरों के नाम बताइये।
उत्तर - (1) श्री वीरसेन जी (2) श्री महाभद्र जी (3) श्री देवयश जी (4) श्री अजितवीर्य जी।
प्रश्न 136 - विदेह क्षेत्रों में होने वाले तीर्थंकरों की आयु कितनी होती है?
उत्तर - विदेह क्षेत्रों में तीर्थंकरों की आयु 1 कोटिवर्ष पूर्व की होती है।
प्रश्न 137 - बीस विद्यमान तीर्थंकरों में से कितने तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह बैल है?
उत्तर - तीन तीर्थंकरों का।
प्रश्न 138 - विद्यमान बीस तीर्थंकरों में से कितने तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह बैल है?
उत्तर - श्री सीमंधर जी श्री चन्द्रनन जी, एवं श्री नेमिप्रभ जी की प्रतिमा का चिन्ह बैल है।
प्रश्न 139 - बैल चिन्ह हमारे भर क्षेत्र में कौन-से तीर्थंकर से मिलता है?
उत्तर - श्री आदिनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।
प्रश्न 140 - कौन से विद्यमान तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह हाथी है?
उत्तर - (1) री युगमंधर जी (2) श्री अनंतवीर्य जी (3) श्री वीरसेन जी की प्रतिमा का चिन्ह हाथी है।
प्रश्न 141 - हाथी चिन्ह हमारे भरत क्षेत्र के कौन-से तीर्थंकर की प्रतिमा के चिन्ह से मिलता है?
उत्तर - श्री अजितनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।
प्रश्न 142 - कौन से विद्यमान तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह हिरण है?
उत्तर - श्री बाहु जी की प्रतिमा का चिन्ह हिरण है।
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प्रश्न 143 - हिरण चिन्ह हमारे कौन से तीर्थंकर की प्रतिमा के चिन्ह से मिलता है।
उत्तर - श्री शांतिनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।
प्रश्न 144 - कौन-से विद्यमान तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह बंदर है?
उत्तर - श्री सुबाहु जी की प्रतिमा का चिन्ह बंदर है।
प्रश्न 145 - बन्दर चिन्ह हमारे कौन-से तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह है?
उत्तर - श्री अभिनन्दन नाथ जी की प्रतिमा का।
प्रश्न 146 - कौन-से विद्यमान तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह सूर्य है?
उत्तर - (1) श्री संजातक जी (2) श्री सूरिप्रभ जी एवं (3) श्री ईश्वर जी की प्रतिमा का चिन्ह सूर्य है।
प्रश्न 147 - सूर्य चिन्ह हमारे कौन-से तीर्थंकरों की प्रतिमा में मिलता है?
उत्तर - किसी से नहीं।
प्रश्न 148 - कौन-से विद्यमान तीर्थंकरों का चिन्ह चन्द्रमा है?
उत्तर - (1) श्री स्वयंप्रभ जी (2) श्री विशाल कीर्ति जी (3) री महाभद्र जी की प्रतिमाओं का चिन्ह चन्द्रमा है।
प्रश्न 149 - उपरोक्त तीर्थंकरों की प्रतिमा चिन्ह हमारे किस तीर्थंकर से मिलता है?
उत्तर - श्री चन्द्रप्रभु से।
प्रश्न 150 - कौन से विद्यमान तीर्थंकर का चिनह सिंह है?
उत्तर - श्री ऋषभानन जी की प्रतिमा का।
प्रश्न 151 - सिंह चिन्ह हमारे किस तीर्थंकर से मिलता है?
उत्तर - श्री महावीर भगवान से।
प्रश्न 152 - कौन से विद्यमाल तीर्थंकर की प्रतिमा का चिन्ह शंख है?
उत्तर - श्री वज्रधर जी की प्रतिमा का चिनह शंख है।
प्रश्न 153 - शंख चिन्ह हमारे कौन से तीर्थंकर की प्रतिमा से मिलता है?
उत्तर - श्री नेमिनाथ जी से।
प्रश्न 154 - कौन से विद्यमान तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह कमल है?
उत्तर - (1) श्री चन्द्रबाहु जी (2) श्री अजितवीर्य जी।
प्रश्न 155 - कमल चिन्ह हमारे कौन से तीर्थकरों से मिलता है?
उत्तर - श्री पद्मप्रभु तथा नमिनाथ जी से।
प्रश्न 156 - कौन से विद्यमान तीर्थंकरों की प्रतिमा का चिन्ह स्वास्तिक है?
उत्तर - श्री देवयश जी की प्रतिमा का चिन्ह स्वस्तिक है।
प्रश्न 157 - स्वस्तिक चिन्ह हमारे कौन-से तीर्थंकर से मिलता है?
उत्तर - श्री सुपाश्र्वनाथ जी की प्रतिमा के चिन्ह से।
प्रश्न 158 - पांच मेरूओं से सम्बंधित जी बत्तीस-बत्तीस आर्य खंड है उनकी बत्तीस नगरियों के नाम बताइये।
उत्तर - (1) क्षेमा नगरी (2) क्षेमपुरी (3) अरिष्टापुरी (4) अरिष्टपुरी (5) खडगानगरी (6) मंजूषा नगरी (7) औषधिनगरी (8) पुंडरीकिणी नगरी (9) सुसीमा नगरी (10) कुडला नगरी (11) अपराजित पुरी (12) प्रभंकरापुरी (13) अंकावती (14) पद्मावती पुरी (15) सुभापुरी (16) रत्नसंचयापुरी (17) अश्वपुरी (18) सिंहपुरी (19) महापुरी (20) विजयापुरी (21) अरजा नगरी (22) विरजानगरी (23) अशोकपुरी (24) वीतशोकनगरी (25) विजयापुरी (26) वैजयंतीपुरी (27) जयंती नगरी (28) अपराजितापुरी (29) चक्रापुरी (30) खड्गापुरी (31) अयोध्यापुरी एव (32) अवध्यापुरी।
प्रश्न 159 - विदेह क्षेत्रों के कौन-से देशों में कौन सी नगरियां हैं?
उत्तर - (1) कच्छा देश में-क्षेमा नगरी (2) सुकच्छा में- क्षेमपुरी (3) महाकच्छा में- अरिष्टापुरी (4) कच्छाकावती में- अरिष्टपुरी (5) आर्वता में- खडगानगरी (6) लांगलावर्ता में- मंजूषा नगरी (7) पुष्कला में- औषधिनगरी (8) पुष्कलावती- पुंडरीकिणी नगरी (9) वत्सा में- सुसीमा नगरी (10) सुवत्सा में- कुडला नगरी (11) महावत्सा- अपराजित पुरी (12) वत्साकावती- प्रभंकरापुरी (13) रम्या में- अंकावती (14) सुरम्या- पद्मावती पुरी (15) रमणीया- सुभापुरी (16) मंगलावती- रत्नसंचयापुरी (17) पद्मावती- अश्वपुरी (18) सुपद्मा- सिंहपुरी (19) महापद्मा- महापुरी (20) पद्माकावती विजयापुरी (21) शंखादेश- अरजा नगरी (22) नलिना- विरजानगरी (23) कुमदा- अशोकपुरी (24) सरिता- वीतशोकनगरी (25) वप्रा- विजयापुरी (26) सुवप्रा- वैजयंतीपुरी (27) महावप्रा- जयंती नगरी (28) वप्रीकावती- अपराजितापुरी (29) गंधा- चक्रापुरी (30) सुगंधा में- खड्गापुरी (31) गंधीला-अयोध्यापुरी (32) गंधमालिनी अवध्यापुरी।
प्रश्न 160 - पांच मेरूओं से सम्बंधित बत्तीस-बत्तीस विदेहों में, देशों तथा नगरियों की क्या व्यवस्था है?
उत्तर - पांच मेरूओं के 32-32 दिेह क्षेत्रों में दशों तथा नगरियों के नाम भी उपरोक्त देशों तथा नगरियों के समान ही नाम हैं। अतः एक सी व्यवस्था है।
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