Monday, 24 March 2014

मनुष्य की अवगाहना कितनी होती है ? E पांच भरत एवं पांच ऐरावत कर्मभूमियों में अवसर्पिणी काल में उत्कृष्ट अवगाहना । 1. पहले आरे में - 3 गाऊ 2. दूसरे आरे में - 2 गाऊ 3. तीसरे आरे में - 1 गाऊ 4. चौथे आरे में - 500 धनुष्य 5. पांचवें आरे में - 7 हाथ 6. छट्ठे आरे में - 2 हाथ E पांच भरत एवं पांच ऐरावत कर्मभूमियों में उत्सर्पिणी काल में उत्कृष्ट अवगाहना । 1. पहले आरे में - 2 हाथ 2. दूसरे आरे में - 7 हाथ 3. तीसरे आरे में - 500 धनुष्य 4. चौथे आरे में - 1 गाऊ 5. पांचवें आरे में - 2 गाऊ 6. छट्ठे आरे में - 3 गाऊ E पांच महाविदेह क्षेत्र के मनुष्यों की उत्कृष्ट अवगाहना 500 धनुष्य प्रमाण की होती है । E पांच देवकुरु एवं पांच उत्तरकुरु के मनुष्यों की उत्कृष्ट अवगाहना तीन गाऊ की होती है । E पांच हरिवर्ष एवं पांच रम्यक् के मनुष्यों की उत्कृष्ट अवगाहना दो गाऊ की होती है । E पांच हिमवन्त एवं पांच हिरण्यवंत के मनुष्यों की उत्कृष्ट अवगाहना एक गाऊ की होती है । E छप्पन अन्तर्द्वीप के मनुष्यों की उत्कृष्ट अवगाहना 800 धनुष्य की होती है । ये सारी अवगाहना गर्भज पर्याप्ता मनुष्यों की कही गयी है । E गर्भज अपर्याप्ता मनुष्यों की, संमूर्च्छिम मनुष्यो की अवगाहना अंगुल के असंख्यातवें भाग जितनी होती है ।

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